बरसात के अंतिम दिनों से इस बार शुरू हुई लंपी स्किन डिजीज गायों में महामारी के रूप में फैल चुकी है। चमड़े में गोल-गोल धब्बे , बुखार , घुटने में सूजन लगभग सभी गोजाती के पशुओं में देखा जा रहा है. किसानों के बीच में यह एक बहुत ही कठिन समय लेकर आया है जब अपने प्यारे पशुओं इतनी ज्यादा घाव से ग्रस्त देखकर काफी दुखी हैं. लंपी स्किन डिजीज बछड़ों में भी देखा जा रहा है. हर गांव हर मोहल्ले में कोई न कोई पशु इस बीमारी से ग्रस्त नजर आ रहा है. बचाव के रूप में सरकार द्वारा गोट पॉक्स वैक्सीन देने की सलाह दी जा रही है. मक्खी मच्छरों का प्रकोप जब तक कम नहीं होगा इस बीमारी को फैलने से रोकना काफी मुश्किल नजर आ रहा है. बेंजाथीन पेनिसिलिन, आइवरमेक्टिन इंजेक्शन , नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स इत्यादि दवाओं के माध्यम से इस रोग से काबू पाने की कोशिश की जा रही है और यह काफी प्रभावी भी सिद्ध हो रही है. ( डॉ अमित कुमार )
(08.01.2022, 10.31pm, dr amit kumar)
पिछला साल यानी की २०२१ हमारे पशुचिकित्सकों के लिए खास रहा . कोरोना के बावजूद केंद्र सरकार की कई योजनायें पशुचिकित्सकों तथा पशुपालकों के लिए उत्साह का विषय रहीं. NAIP तथा NADCP के तहत केंद्र सरकार पशुपालन के क्षेत्र में सुधार करना चाहती है ताकि उन्नत पशुधन जो अधिक उत्पादकता से लैस हो किसानो को सुलभ हो . कृत्रिम गर्भाधान , सेक्स सॉर्टेड सीमेन , एम्ब्र्यो ट्रान्सफर टेक्नोलॉजी , खुरहा रोग नियंत्रण , पीपीआर नियंत्रण तथा ब्रुसल्लोसिस नियंत्रण पर केंद्र सरकार काफी गंभीर दिखाई दी . साथ ही पशु पालन एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार भी लगातार जारी हैं. उम्मीद है की राज्य सरकारें भी एक कदम आगे बढ़कर इन सुधारों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी .