Regulatory framework : PC & PNDT अधिनियम
भारत में पशु चिकित्सा उद्देश्यों के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों के उपयोग को लंबे समय से प्री-कॉन्सेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques - PC & PNDT) Act, 1994 द्वारा नियंत्रित किया जाता रहा है। यह अधिनियम मूल रूप से मानव चिकित्सा (human medicine) में लिंग-चयनात्मक प्रथाओं (sex-selective practices) को रोकने के लिए बनाया गया था।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने पशु चिकित्सा परिषद (Veterinary Council of India - VCI) के परामर्श से स्पष्ट किया है कि पशु चिकित्सकों को भी इस अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना होगा, खासकर जब वे ऐसी मशीनों का उपयोग कर रहे हों जो भ्रूण का लिंग (sex of foetus) निर्धारित करने की क्षमता रखती हैं।
अल्ट्रासाउंड के उपयोग के लिए योग्यता (Qualification)
पशु चिकित्सालयों/सुविधाओं (veterinary clinics/facilities) पर अल्ट्रासाउंड मशीनों का उपयोग करने वाले पशु चिकित्सकों के लिए निम्नलिखित योग्यता अनिवार्य है:
मान्यता प्राप्त डिग्री (Recognized Degree): पशु चिकित्सक के पास भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1984 (Indian Veterinary Council Act, 1984) की पहली या दूसरी अनुसूची में शामिल पशु चिकित्सा विज्ञान (Veterinary Sciences) में मान्यता प्राप्त डिग्री होनी चाहिए।
रेडियोलॉजी में प्रशिक्षण (Training in Radiology): उन्हें रेडियोलॉजी (Radiology) में अल्पकालिक प्रशिक्षण (short term training) प्राप्त होना चाहिए।
अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate - NOC): उन्हें उस राज्य के पशुपालन/पशु चिकित्सा सेवा विभाग (Animal Husbandry/Veterinary Services Department) के जिला प्रमुख (District Head) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) प्राप्त करना होगा, जहां क्लिनिक/डायग्नोस्टिक सेंटर स्थित है।
रिकॉर्ड रखना (Record Keeping): जिला प्रमुख ऐसे क्लीनिकों और पशु चिकित्सकों का पूरा रिकॉर्ड (records) रखेंगे।
PC & PNDT अधिनियम के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया (Registration Process)
पशु चिकित्सा क्लिनिक (veterinary clinic) या सुविधा (facility) में अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करने से पहले उसका पंजीकरण (registration) कराना अनिवार्य है। पंजीकरण की प्रक्रिया मानव अल्ट्रासाउंड केंद्रों के लिए निर्धारित प्रक्रिया के समान है, लेकिन इसमें पशु चिकित्सकों से संबंधित विशिष्ट दस्तावेज (documents) शामिल होते हैं।
प्राधिकरण (Authority): आवेदन संबंधित क्षेत्र के जिला उपयुक्त प्राधिकरण (District Appropriate Authority), जो आमतौर पर जिला चिकित्सा अधिकारी (District Medical Officer - DMO) होते हैं, को जमा किया जाता है।
प्रारूप (Form): आवेदन प्रारूप 'ए' (Form A) में दो प्रतियों (in duplicate) में जमा किया जाना चाहिए।
शुल्क (Fees): पंजीकरण के लिए निर्धारित आवेदन शुल्क (application fee) (सामान्यतः ₹25,000/-) जमा करना होगा, जो आमतौर पर एक डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft) के माध्यम से होता है।
आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों (documents) और जानकारी को संलग्न करना आवश्यक है:
(Document/Detail) - (Description)
प्रारूप 'ए' (Form A) - दो प्रतियों में भरा हुआ और विधिवत हस्ताक्षरित (duly signed) आवेदन फॉर्म। use link https://mohfw.gov.in/sites/default/files/A3_Form%20A_1.pdf
शपथ पत्र (Affidavit) - एक शपथ पत्र जिसमें क्लिनिक के मालिक (owner) की ओर से यह अंडरटेकिंग (undertaking) हो कि वे गर्भाधान से पहले या बाद में लिंग चयन (sex selection) के लिए कोई भी परीक्षण (test) या प्रक्रिया (procedure) नहीं करेंगे।
योग्यता प्रमाण (Qualification Proof) - पशु चिकित्सक की पशु चिकित्सा विज्ञान (Veterinary Sciences) में मान्यता प्राप्त डिग्री (VCI Act, 1984 के तहत) और रेडियोलॉजी (Radiology) में अल्पकालिक प्रशिक्षण (short-term training) का प्रमाण पत्र।
VCI/State Council पंजीकरण - पशु चिकित्सा परिषद (Veterinary Council of India - VCI) या राज्य पशु चिकित्सा परिषद के साथ पंजीकरण का प्रमाण पत्र।
अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) - पशुपालन/पशु चिकित्सा सेवा विभाग (Animal Husbandry/Veterinary Services Department) के जिला प्रमुख (District Head) से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate)।
मशीन विवरण (Machine Details) - उपयोग किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड उपकरण का मेक (Make), मॉडल (Model) और सीरियल नंबर (Serial Number)। (खरीद चालान/इनवॉइस की प्रति)।
स्थान का नक्शा (Site Plan) - केंद्र के परिसर का साइट प्लान (site plan)।
जाँच (Scrutiny): जिला उपयुक्त प्राधिकरण (District Appropriate Authority) प्राप्त आवेदन की जाँच करता है।
निरीक्षण (Inspection): प्राधिकरण या उनका अधिकृत व्यक्ति (authorized person) आवेदक को सूचित करने के बाद परिसर का निरीक्षण (inspection) करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्लिनिक अधिनियम के तहत सभी न्यूनतम आवश्यकताओं (minimum requirements) को पूरा करता है।
सलाहकार समिति (Advisory Committee): आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, आवेदन को सलाहकार समिति (Advisory Committee) के समक्ष रखा जाता है जो अपनी सलाह (advice) देती है।
पंजीकरण (Registration): प्राधिकरण समिति की सलाह पर विचार करने के बाद पंजीकरण प्रदान करता है।
आवश्यक अनुपालन और रिपोर्टिंग (Compliance and Reporting)
सभी पंजीकृत पशु चिकित्सा अल्ट्रासाउंड केंद्रों को निम्नलिखित नियमों (rules) का पालन करना होगा:
रिकॉर्ड और मासिक रिपोर्ट (Records and Monthly Report): केंद्रों को किए गए सभी अल्ट्रासाउंड (ultrasounds) का रिकॉर्ड (records) रखना होगा और हर महीने की 5 तारीख तक मासिक रिपोर्ट (monthly report) (भले ही रिपोर्ट 'शून्य' हो) जमा करनी होगी।
पोर्टेबिलिटी पर प्रतिबंध (Ban on Portability): मशीन को क्लिनिक (clinic) के पंजीकृत पते (registered address) पर ही उपयोग किया जाना चाहिए। यदि मोबाइल मेडिकल यूनिट (Mobile Medical Unit - MMU) में पोर्टेबल मशीन का उपयोग आवश्यक है, तो इसके लिए जिला उपयुक्त प्राधिकरण (District Appropriate Authority) से पूर्व अनुमोदन (prior approval) लेना अनिवार्य है।
निरीक्षण (Inspection): केंद्र राज्य/जिला उपयुक्त प्राधिकरणों (State/District Appropriate Authorities) और निगरानी समितियों (Monitoring Committees) द्वारा नियमित निरीक्षण (inspection) के अधीन होंगे।
व्यावहारिक संदर्भ: प्रजनन तकनीक (Reproductive Technologies)
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) भारतीय पशु चिकित्सा पद्धति में, विशेष रूप से पशु प्रजनन (animal reproduction) के क्षेत्र में, एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह ओवम पिक-अप (Ovum pick-up), भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Transfer - ET), और प्राप्तकर्ता पशुओं में गर्भावस्था निदान (Pregnancy Diagnosis) जैसे उन्नत प्रजनन तकनीकों (reproductive technologies), जिनमें IVF भी शामिल है, को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नए पशु चिकित्सकों (veterinarians) के लिए यह अनिवार्य है कि वे उन्नत तकनीक (technology) का उपयोग करते समय कानूनी और नैतिक मानकों (legal and ethical standards) का सख्ती से पालन करें। पंजीकरण (Registration) और अनुपालन (compliance) पशुधन क्षेत्र (livestock sector) में आपके पेशेवर करियर (professional career) की नींव हैं।
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Compiled by dr amit kumar and associates